1 परिचय:
बाजरा, ज्वार, कोदो, कुटकी, चीना, रागी और जौ की खेती और सेवन से स्वास्थ्य पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य पर प्रभाव खपत की मात्रा, आहार संबंधी आदतों और समग्र जीवनशैली जैसे कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है। यहां इन अनाजों से जुड़े स्वास्थ्य पर कुछ सामान्य प्रभाव दिए गए हैं:
छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, रायपुर द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन जिला एवं राज्य पर प्रतिवर्ष किया जाता है। राज्य स्तर पर चयनित बाल वैज्ञानिक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भाग लेकर अपने मॉडल प्रदर्शित करते हैं। यह कार्यक्रम 10 से 17 वर्ष के बच्चों को एक अवसर प्रदान करता है, जहां वे अपने वैज्ञानिक संकल्पनाओं को मुख्य विषय एवं उपविषयों पर शोध परियोजनाओं मॉडल आदि के द्वारा प्रस्तुत करते हैं। यह कार्यक्रम बच्चों को प्रयोग, आंकड़ा संकलन, शोध, विश्लेषण एवं नवाचार प्रक्रिया से परिणाम तक पहुंचकर स्थानीय समस्याओं का समाधान तलाशने का अवसर प्रदान करता है।परिस्थिकीय तंत्र की समझ के लिए सैद्धांतिक, व्यावहारिक एवं संस्कारिक ज्ञान की आवश्यकता है। यह ज्ञान शिक्षकों से अच्छा कोई नहीं दे सकता है। राज्य स्तर पर चयनित बाल वैज्ञानिक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सिंघौरी के कक्षा 8वीं की दो छात्राएं कु. रुद्राक्षणी और चाँदनी तथा कक्षा 7 वीं के दो छात्रा कु. जया और कु. भूमिका ने अपने अपने विषय और उपविषय का चयन किया है। प्रोजेक्ट के गाइड है देवेंद्र कुमार साहू और प्रशांत बघेल।
इस कार्य योजना में मार्गदर्शन के रूप में संस्था प्रमुख मीनाक्षी शर्मा सहित सरस्वती साहू, राजेश्वरी ठाकुर ,आगेश्वरी साहू, नूतेश्वर चंद्राकर ने अपना सहयोग प्रदान किया।